जीएसटी क्या है? (GST in Hindi) – जीएसटी के प्रकार!

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भारत सरकार की एक अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था है वस्तु एवं सेवा कर या जीएसटी, जो 1 जुलाई 2017 से लागू हुआ था।

अगर आप जानना चाहते हैं की जीएसटी क्या है? GST कितने प्रकार का होते हैं? जीएसटी के फायदे और नुकसान क्या है तो इस पोस्ट को आखिर तक पढ़ते रहे।

जीएसटी क्या है? GST In Hindi

GST एक अप्रत्यक्ष कर है जिसने भारत में कई अप्रत्यक्ष करों की जगह ले ली है। विजय केलकर एसोसिएशन ने पहली बार 2010 में इस कर का प्रस्ताव रखा था, जिसे संसद ने 29 मार्च 2017 को गुड्स एंड सर्विस के नाम से पारित किया था।

यह 1 जुलाई 2017 को कानून के रूप में लागू हुआ। जीएसटी देश के लिए एक अप्रत्यक्ष कर है। बहुत से लोग इस टैक्स को गुड एंड सिंपल टैक्स कहते हैं।

GST का फुल फॉर्म Goods & Service Tax है।

जीएसटी कितने प्रकार का होता है?

पहले हमें दो तरह के टैक्स देना पड़ता था।

1. Direct Tax: इस Tax का भुगतान सीधे सरकार को करना पड़ता था। इसमें Service Tax, Capital Green Tax, Corporate Tax शामिल हैं।

2. Indirect Tax: ऐसे में आपको सीधे तौर पर कोई Tax नहीं देना होगा। लेकिन जब आप बाजार से कोई सामान खरीदते हैं तो उस सामान पर आपसे टैक्स लिया जाएगा। जो विक्रेता के माध्यम से सरकार के पास जाएगा।

इसमें सेल्स टैक्स, कस्टम टैक्स, टोल टैक्स शामिल हैं। इनमें से कुछ टैक्स केंद्र सरकार के पास जाते हैं। और बाकी पैसा राज्य सरकार के पास जाता है।

जीएसटी लागू होने से पहले यह Indirect Tax राज्य सरकार के लिए मुनाफे का मामला था। लेकिन GST लागू होने के बाद यह केंद्र सरकार और राज्य सरकार को समान रूप से जाता है।

साथ ही बिजली बिल, टोल टैक्स जैसे कई टैक्स भी हमें देने पड़ते हैं। फिलहाल इन सभी Indirect Tax को नीला कर ही GST नाम दिया गया है।

जीएसटी चार प्रकार का होता है –

  1. CGST (Central Goods And Service Tax)
  2. SGST (State Goods And Service Tax)
  3. IGST (Integrated Goods And Service Tax)
  4. UGST (Union Territory Goods And Services Tax)

CGST

CGST का फुल फॉर्म Central Government Goods And Service Tax है। सीजीएसटी सेंट्रल कमोडिटी टैक्स है।

यह टैक्स केंद्र सरकार द्वारा लगाया जाता है। जब कोई व्यापारी राज्य के भीतर माल बेचता है।

फिर व्यापारी को उस उत्पाद पर GST देना होता है। GST को केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समान रूप से साझा किया जाता है।

SGST

SGST का फुल फॉर्म State Goods And Service Tax Tax है। राज्य के भीतर किसी भी उत्पाद पर लगाया जाने वाला कर SGST है।

केवल राज्य सरकार ही इस टैक्स को स्वीकार करती है। राज्य सरकार के टैक्स जैसे लॉटरी टैक्स, लग्जरी टैक्स, परचेज टैक्स और सेल्स टैक्स।

SGST में, राज्य के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर माल के लेन-देन पर राज्य सरकार यह टैक्स लेती है।

IGST

IGST का फुल फॉर्म Integrated Goods And Service Tax है। यह टैक्स आपको तभी देना होता है जब आप एक राज्य से दूसरे राज्य में सामान बेचते हैं।

फिर आपको यह IGST Tax देना होगा। तो GST अपने आप विभाजित हो जाता है। जिनमें से कुछ राज्य सरकार को और कुछ केंद्र सरकार को जाता है।

UGST

UGST Or UTGST का फुल फॉर्म Union Territory Goods And Services Tax है। यह कर केंद्र शासित प्रदेश में उत्पाद की कीमत के आधार पर लगाया जाता है।

SGST के तारह यह कर प्रणाली दादरा, नगर हवेली, चंडीगढ़, अंडमान और निकोबार, पांडिचेरी और दिल्ली जैसे केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है।

जीएसटी क्यों जरूरी है?

GST में आपको सिर्फ एक बार टैक्स देना होता है। मान लीजिए आप एक विक्रेता हैं। आप अपने डीलर से जो उत्पाद खरीदते हैं, तो आपको निर्धारित टैक्स के साथ उस उत्पाद को बेचना होता है।

चली एक उदाहरण से समझते हैं, डीलर ने आपको 90 रुपये में एक उत्पाद दिया।

आप 10 रुपये का लाभ रखते हुए 100 रुपये में बेचते हैं। लेकिन इस पर निर्धारित टैक्स 10% है। तो फिर आपको इसे 110 रुपये में बेचना होगा।

GST को All India One Nation कहा जाता है। आपको पूरे भारत में जहां कहीं भी सामान खरीदते हैं, आपको केवल एक बार टैक्स देना होगा।

GST Rules In Hindi

GST उन लोगों पर लागू होता है जिनकी बिक्री 20 लाख से अधिक है। उन्हेंही केवल GST नंबर प्राप्त करने की आवश्यकता है।

GST में एक नियम है। महीने में तीन बार रिटर्न फाइल करना होता है। मान लीजिए मैंने अपने डीलर से एक उत्पाद खरीदा और आपको बेच दिया।

आपने इसे किसी ग्राहक को बेच दिया। जब मैं रिटर्न फाइल करूंगा तो सिस्टम अपने आप बता देगा कि मैंने आपके GST नंबर के तहत उत्पाद आपको बेच दिया है।

जब आप GST रिटर्न फाइल करेंगे तो इसे जोड़ा जाएगा। इस सिस्टम में पूरी प्रक्रिया चलती रहती है।

ऐसे में आपको टैक्स को लेकर कोई डर नहीं रहेगा। सब कुछ व्यवस्थित तरीके से चलता जाएगा।

जीएसटी रिटर्न क्या होता है?

जीएसटी रिटर्न एक दस्तावेज है जिसमें आपकी खरीद और बिक्री के सभी विवरण होते हैं।

यह फ़ाइल तब बहुत उपयोगी होती है जब करदाता किसी वस्तु पर कर का भुगतान करता है। जीएसटी रिटर्न फाइल करने पर सरकार को टैक्स देना होगा।

जीएसटी रिटर्न फाइल किसे करना होता है?

GST के तहत कर का भुगतान करने वाले बड़े व्यापारियों या डीलरों को अपने लेनदेन के आधार पर यह जीएसटी रिटर्न दाखिल करना होता है।

जैसे – नियमित व्यवसाय, अन्य प्रकार के व्यवसाय के मालिक और डीलर, कंपोजिशन स्कीम के तहत व्यापारी।

उन पंजीकृत डीलरों को बिक्री पर सेवा कर और खरीद पर GST इनपुट Tax के आधार पर जीएसटी रिटर्न फाइल करना होता है।

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जीएसटी के फ़ायदे और नुक्सान

हर चीज के फायदे और नुकसान होते हैं। इसी तरह GST के भी कुछ फायदे और कुछ नुकसान हैं। चलिए जानते हैं जीएसटी के फ़ायदे और नुक्सान –

जीएसटी के फ़ायदे

  1. जीएसटी एक साधारण कर प्रणाली है। पहले Vat और सर्विस टैक्स था। फिर GST के तहत केवल एक जीएसटी रिटर्न दाखिल करना होता है।
  2. इसमें कोई छुपा टैक्स नहीं है। खुदरा विक्रेताओं को अतिरिक्त कर का भुगतान नहीं करना पड़ता है। व्यापार की लागत कम हो जाती है।
  3. जीएसटी लागू होने से पहले एक व्यापारी को पांच लाख रुपये से अधिक का लेन-देन करने पर Vat देना पड़ता था। लेकिन GST लागू होने के बाद इस सीमा को बढ़ाकर 20 लाख कर दिया गया है। इससे कई छोटे और मझोले कारोबारियों को फायदा हुआ है।
  4. जीएसटी की शुरुआत से पहले, भारत में रसद उद्योग को राज्य के प्रवेश कर से बचने के लिए विभिन्न राज्यों में कई गोदामों का रखरखाव करना पड़ता था। लेकिन GST आने के बाद उन सभी प्रतिबंधों को हटा दिया गया है।
  5. जीएसटी की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है और बहुत आसान है।

जीएसटी के नुक्सान

  1. जीएसटी नियमों का पालन नहीं करने पर पेनल्टी लगेगी। नतीजतन, छोटे और मध्यम व्यवसायों, जिनके पास डिजिटल सिस्टम नहीं हैं, उनको कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
  2. चूंकि पूरा माध्यम डिजिटल है, व्यापारियों को अकाउंटिंग या ERP सॉफ्टवेयर खरीदने की जरूरत है। साफ्टवेयर खरीदने से कारोबारियों की लागत काफी बढ़ जाएगी।
  3. तेल और पेट्रोलियम उद्योग GST के दायरे में नहीं है इसलिए तेल और पेट्रोलियम निष्कर्षण कंपनियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि वे इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा नहीं कर सकते। नतीजतन, तेल और पेट्रोलियम की कीमत धीरे-धीरे बढ़ रही है।
  4. अलग-अलग राज्यों में कारोबार करने वाली कंपनियों को अलग-अलग राज्यों के लिए अलग-अलग रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इससे उनकी लागत बढ़ जाती है।

FAQ: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

जीएसटी क्या है?

जीएसटी एक अप्रत्यक्ष कर है जिसने भारत में कई अप्रत्यक्ष करों की जगह ले ली है। विजय केलकर एसोसिएशन ने पहली बार 2010 में इस कर का प्रस्ताव रखा था, जिसे संसद ने 29 मार्च 2017 को गुड्स एंड सर्विस के नाम से पारित किया था।

जीएसटी का पूरा नाम क्या है?

जीएसटी का पूरा नाम गुड्स एंड सर्विस टैक्स है।

जीएसटी कितने प्रकार के होते हैं?

जीएसटी चार प्रकार के होते हैं –

1. CGST
2. SGST
3. IGST
4. UGST

जीएसटी किस प्रकार का कर है?

जीएसटी एक अप्रत्यक्ष कर है।

जीएसटी रिटर्न क्या है?

जीएसटी रिटर्न एक दस्तावेज है जिसमें आपकी खरीद और बिक्री के सभी विवरण होते हैं।

जीएसटी रिटर्न कितने प्रकार के होते हैं?

जीएसटी रिटर्न 37 प्रकार के होते हैं।

निष्कर्ष

अगर आपने इस पोस्ट को शुरू से अंत तक पढ़ा है, तो आपको पता होना चाहिए कि GST kya hai? ये कितने प्रकार के होते हैं? और इसके फायदे और नुकसान।

पोस्ट अच्छी लगे तो शेयर करे। और अगर आपका कोई सवाल है तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं। शुक्रिया।

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